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 सूचना का अधिकार बैनर

सूचना का अधिकार

सूचना अधिकार अधिनियम 2005 – संक्षेप सार

‘’ज्ञान ही शक्ति है’’ की उक्ति वस्‍तुत: आज के विश्‍व के लिए ही है। ज्ञान प्राप्ति का सर्वोत्‍तम माध्‍यम सूचना प्राप्ति है।

सार्वजनिक प्राधिकरणों के पास उपलब्‍ध सूचना से जनसाधारण को कोई विशेष लाभ प्राप्‍त नहीं होता है। ऐसी सूचनाा जनसाधारण से ही सम्‍बद्ध होती है तथा इसका धारण जनसाधारण के हित में ही किया जाता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने इसकी आवश्‍यकता पर विचार किया है और यह संकल्‍प लिया है कि सूचना की स्‍वतंत्रता प्रत्‍येक व्‍यक्ति का मौलिक मानवाधिकार है जो संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा प्रतिष्ठित प्रत्‍येक स्‍वतंत्रता के मापदंडों के दायरे में आता है। राष्‍ट्रमंडल मानवाधिकार द्वारा की गई स्‍वीकृति के अनुसार सूचना का अधिकार मानव के अन्‍य अधिकारों के अनुसार ही एक अधिकार है।

इस दिशा में, सूचना अधिकार अधिनियम 2005 (आरटीआई) अंग्रेजी (390 केबी) PDF File Opens in a new window / हिन्‍दी (868 केबी) PDF File Opens in a new window से भारत के नागरिकों को सरकार से सूचना प्राप्‍त करने की स्‍वतंत्रता प्रदान की गई है।